बिलासपुर

Small Industry Bilaspur Innovation: इनोवेटिव बेकरी, 100 लोगों को रोजगार कैसे?

Small Industry Bilaspur Innovation: भारत में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है और ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसरों की कमी है, जिसके कारण बेरोजगारी दर बढ़ रही है जानिये कैसे

बिलासपुर, Small Industry Bilaspur Innovation: लघु उद्योगों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, जो देशभर में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में बिलासपुर में लघु उद्योग शुरू करने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी है। इन्हीं में से एक हैं शहर के मनीष कुमार शर्मा। उन्होंने सिरगिट्टी क्षेत्र में श्री श्याम बेकर्स एंड फूड्स नामक लघु उद्योग की स्थापना की। यहां मशीनरी के माध्यम से उन्नत तकनीक का उपयोग कर गुणवत्ता पर बेहतर काम किया गया है।

स्वचालित बेकरी की शुरुआत (Small Industry Bilaspur Innovation)

मनीष शर्मा ने अपने खाद्य क्षेत्र को चुनने का कारण बताते हुए कहा कि खाद्य क्षेत्र में स्वच्छता और उत्पादों की मानक गुणवत्ता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया गया, खासकर बेकरी उद्योग में। समय के साथ लोग सेहत और खान-पान को लेकर जागरूक हो रहे हैं। इसे देखते हुए, मनीष ने राज्य में पहली बार इस क्षेत्र में उन्नत तकनीक का उपयोग करके स्वचालित प्रसंस्करण शुरू किया, जिससे उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हुआ।

नई तकनीक और वित्तीय चुनौतियों का सामना करना

  • नया उद्योग स्थापित करने में मनीष को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि नई तकनीकों और मशीनों के चयन में काफी समय लग गया.
  • आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए भी कड़ी मेहनत करनी पड़ी. बैंकों से वित्तीय सहायता प्राप्त करना आसान नहीं था, क्योंकि बैंकों की नई परियोजनाओं में रुचि कम होती है।
  • इसके बावजूद मनीष ने सफलतापूर्वक अपना उद्योग स्थापित किया। आज वे न सिर्फ अपने पैरों पर खड़े हैं बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।

युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर

मनीष का मानना ​​है कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा स्व-उद्यमिता बनने के लिए कई योजनाएं प्रस्तावित हैं। आजकल युवाओं को सरकार की गारंटी पर वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और सब्सिडी का भी प्रावधान है। फूड पार्क और औद्योगिक गलियारे जैसी योजनाओं ने खाद्य प्रसंस्करण व्यवसाय के सामने आने वाली चुनौतियों को कम कर दिया है। वर्तमान में मनीष की यूनिट से सौ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। जिसमें कई युवा स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रहे हैं और दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।

 

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